Shree Ram Ji Aarti Lyrics in Hindi – भगवान श्री रामचंद्र जी भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं। भगवान श्री राम जी की आरती बहुत ही सुन्दर रचना है। श्री रामचंद्र जी राजा दशरथ और कौशल्या के पुत्र हैं। हिन्दू धर्म के अनुसार, श्रीराम भगवान का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को हुआ था। हमारे देश में, इस दिन भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव को विशेष धूमधाम से मनाया जाता है। इस पवित्र दिन पर, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की पूजा अर्चना करने से हर प्रकार की विघ्न और बाधाएं दूर होने के साथ-साथ मन शांत होता है। सभी व्यक्ति इस महत्वपूर्ण दिन पर भगवान श्रीराम की पूजा अर्चना करते हैं। शास्त्रों के अनुसार, रामनवमी की दिन भगवान श्रीराम की आरती के बिना उनकी पूजा अधूरी मानी जाती है। इसलिए, चलिए भगवान श्रीराम की आरती के लिरिक्स को जानते हैं।
श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं |
नवकंज लोचन, कंजमुख, करकुंज, पदकंजारुणं ||
श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं |
श्री राम श्री राम….
कंदर्प अगणित अमित छबि, नवनीलनीरद सुन्दरं |
पट पीत मानहु तडीत रुचि शुचि नौमि जनक सुतावरं ||
श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं |
श्री राम श्री राम….
भजु दीनबंधु दिनेश दानवदै त्यवंशनिकंदनं |
रघुनंद आंनदकंद कोशलचंद दशरथनंदनं ||
श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं |
श्री राम श्री राम…
सिर मुकुट कूंडल तिलक चारु उदारु अंग विभुषणं |
आजानु भुजा शरा चाप धरा, संग्राम जित खर दुषणं ||
भुजा शरा चाप धरा, संग्राम जित खर दुषणं ||
श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं
इति वदित तुलसीदास शंकरशेषमुनिमनरंजनं |
मम ह्रदयकंजनिवास कुरु, कमदि खल दल गंजनं | |
श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं |
नवकंज लोचन, कंजमुख, करकुंज, पदकंजारुणं ||
श्री राम श्री राम…
दोहा- जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि। मंजुल मंगल मूल वाम अंग फरकन लगे।।