द्वारकाधीश मंदिर द्वारका गुजरात मैं स्थित है, द्वारकाधीश मंदिर शंकराचार्य द्वारा स्थापित देश के 4 धामों में से एक है। द्वारका भारत के पश्चिमी हिस्सों के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है। द्वारका नाम ‘द्वार’ शब्द से आता है जो दरवाजे को संदर्भित करता है। इस प्रकार द्वारका भारत का पश्चिमी द्वार है.
द्वारकाधीश मंदिर का इतिहास:
भागवत के अनुसार भगवान भगवान कृष्ण ने मथुरा छोड़ने के बाद द्वारका नगरी बसाई थी, कंस के वध के बाद जरासंध के बार बार मथुरा पर आक्रमणकरने के कारण, भगवान कृष्ण समस्त मथुरा की प्रजा के साथ द्वारका आ गये. इस प्रकार यह नगर 5000 वर्ष पुराना है.
गुजरात का द्वारका शहर वह स्थान है जहाँ 5000 वर्ष पूर्व भगवान कृष्ण ने मथुरा छोड़ने के बाद द्वारका नगरी बसाई थी। जिस स्थान पर उनका निजी महल ‘हरि गृह’ था वहाँ आज प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर है। इसलिए कृष्ण भक्तों की दृष्टि में यह एक महान् तीर्थ है।
इस मंदिर की इमारत 5 मंजिला है और इसकी ऊंचाई 235 मीटर है। यह इमारत 72 स्तंभों पर टिकी हुई है। ऐसा माना जाता है कि द्वारकाधीश मंदिर का निर्माण भगवान श्री कृष्ण के पोते वज्रभ ने करवाया था। कालांतर में मंदिर का विस्तार एवं जीर्णोद्धार होता रहा। मंदिर को वर्तमान स्वरूप 16वीं शताब्दी में प्राप्त हुआ था। द्वारिकाधीश मंदिर से लगभग 2 किमी दूर एकांत में रुक्मिणी का मंदिर है।
ऐसी मान्यता है कि द्वारका नगर पर 56 प्रकार के यादवों ने शासन किया. इन सभी के अपने भवन थे. इनमें भगवान श्रीकृष्ण, बलराम, अनिरुद्धजी और प्रद्युमनजी देवरूप होने के कारण इनके मंदिर बने हुए हैं और इनके मंदिर के शिखर पर अपने ध्वज लहराते हैं. बाकी 52 प्रकार के यादवों के प्रतीक के रूप में यह 52 गज का ध्वज द्वारकाधीशजी के मंदिर पर लहराता है. मंदिर में प्रवेश के लिए गोमती माता मंदिर के सामने से 56 सीढि़यां भी इसी का प्रतीक हैं.
मंदिर सात मंजिले इस मंदिर के शिखर पर लहराती धर्मध्वजा को देखकर दूर से ही श्री कृष्ण के भक्त उनके सामने अपना शीष झुका लेते हैं. यह ध्वजा लगभग 84 फुट लंबी हैं जिसमें विभिन्न प्रकार के रंग होते हैं.
द्वारकाधीश मंदिर पहुँचने के प्रकार:
द्वारका के सबसे नजदीक का एयरपोर्ट जामनगर है जो यहां से 47 किलोमीटर दूर है। दूसरा एयरपोर्ट पोरबंदर एयरपोर्ट है। यह एयरपोर्ट द्वारका से करीब 98 किलोमीटर दूर है। एयरपोर्ट पहुँचने के बाद आप टॅक्सी या कैब ले सकते हैं, जो आपको सीधे द्वारकाधीश मंदिर पहुंचाएगी। दोनों की एयरपोर्ट्स के लिए देश की बड़े शहरों से आसानी से फ्लाइट मिल जाएगी।
द्वारका रेलवे स्टेशन तक आपको रोज कई ट्रेनें मिल जाएंगी। एक बार द्वारका स्टेशन पहुंचने पर आपके लिए मंदिर जाना आसान है, क्योंकि स्टेशन और मंदिर के बीच की दूरी महज एक किलोमीटर है।