माता जिनको याद करे, वो लोग निराले होते हैं |
माता जिनका नाम पुकारे, किस्मत वाले होतें हैं ||
चलो भुलावा आया है, माता ने बुलाया है |
ऊँचे परबत पर रानी माँ ने दरबार लगाया है ||
सारे जग मे एक ठिकाना, सारे गम के मारो का,
रास्ता देख रही है माता, अपने आख के तारों का |
मस्त हवाओं का एक झोखा यह संदेसा लाया है ||
जय माता की कहते जाओ, आने जाने वालो को,
चलते जाओ तुम मत देखो अपने पो के षालों को |
जिस ने जितना दरद सहा है, उतना चैन भी पाया है ||
वैष्णो देवी के मन्दिर मे , लोग मुरदे पाते है,
रोते रोते आते है, हस्ते हस्ते जाते है |
मे भी मांग के देखूं, जिस ने जो माँगा वो पाया है ||
मे तो भी एक माँ हूं माता,
माँ ही माँ को पहचाने |
बेटे का दुःख क्या होता है, और कोई यह क्या जाने |
उस का खून मे देखूं कैसे, जिस को दूध पिलाया है ||
प्रेम से बोलो, जय माता दी |
ओ सारे बोलो, जय माता दी |
वैष्णो रानी, जय माता दी |
अम्बे कल्याणी, जय माता दी |
माँ भोली भाली, जय माता दी |
माँ शेरों वाली, जय माता दी |
झोली भर देती, जय माता दी |
संकट हर लेती, जय माता दी |
ओ जय माता दी, जय माता दी ||
माता वैष्णो देवी को लेकर कई कथाएँ प्रचलित हैं। एक प्रसिद्ध प्राचीन मान्यता के अनुसार माता वैष्णो के एक परम भक्त श्रीधर की भक्ति से प्रसन्न होकर माँ ने उसकी लाज रखी और दुनिया को अपने अस्तित्व का प्रमाण दिया।
बाणगंगा चेक पोस्ट से माता भवन की दूरी 13 किमी है जो आपको भले ही कम लग रही होगी लेकिन काफी कठिन चढाई है | आप चढाई के लिए अलग अलग तरीको का इस्तेमाल कर सकते है |
माता वैष्णोदेवी के दर्शन करने के लिए सबसे पहले उसके आधार बिंदु कटरा तक पहुचना पड़ता है जो जम्मू कश्मीर में स्थित है | कटरा तक पहुचने के लिए हाल ही में रेल मंत्रालय ने एक रेल शुरू की है जो सीधे कटरा तक पहुचाती है | बस से आने वाले यात्रीयों को पहले जम्मू आना पड़ता है.