Bhakti Time

भज हूँ रे मन श्री नन्द नंदन अभय चरण

भज हूँ रे मन श्री नंद नंदन
अभय चरण अरविंद रे ।

दुर्लभ मानव जनम सतसंगे,
तर आये भव सिंध रे ।

शीत आ तप मात बरीशन,
एह दिन यामनी जाग रे ।

विफले से बिनु कृपण दुर्जन,
चपल सुख नव लाग रे ।

श्रवण र्कीतन स्मरण वंदन,
बाद से मन दास रे ।

पूजन सकी जन आत्म निवेदन,
गोविन्द दास अभिलाष रे ।

भज हूँ रे मन श्री नंद नंदन
अभय चरण अरविंद रे । अभय चरण अरविंद रे ।।

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