इस बार 14 अगस्त को गोकुल जन्माष्टमी मनायी जायेगी। इस दिन रोहिणी नक्षत्र लग रहा है जिसके कारण इस साल लड्डू गोपाल का जन्मदिवस बहुत ज्यादा ही खास हो गया है। काशी के ज्योतिष पंडित दिवाकर शर्मा के मुताबिक 14 अगस्त को रात 7.45 मिनट से ही अष्टमी लग जायेगी। लेकिन व्रत रखने का अच्छा दिन गुरूवार को ही है इसलिए इच्छुक जातक इसी दिन को व्रत रखे। इस बार इस रोहिणी नक्षत्र लग रहा है इसलिए निशिता पूजा का सर्वोत्तम समय मध्यरात्रि यानी कि 12.03 बजे से लेकर 12: 47 बजे तक है।
इस वक्त उपवास रखने वाले पूजा करके प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं, जबकि पारण का समय 15 तारीख को संध्या 5 बजकर 39 मिनट है लेकिन जो लोग पारण को नहीं मानते वो भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद और पूजा करने के बाद यानी कि रात 12: 47 बजे के बाद अपना व्रत तोड़ सकते हैं।
जन्माष्टमी आरती :
भये प्रगट कृपाला दीनदयाला कौसल्या हितकारी
हरषित महतारी मुनि मन हारी अद्भुत रूप बिचारी !!
लोचन अभिरामा तनु घनस्यामा निज आयुध भुज चारी
भूषन वनमाला नयन बिसाला सोभासिन्धु खरारी !!
कह दुइ कर जोरी अस्तुति तोरी केहि बिधि करौं अनंता
माया गुन ग्यानातीत अमाना वेद पुरान भनंता !!
करुना सुख सागर सब गुन आगर जेहि गावहिं श्रुति संता
सो मम हित लागी जन अनुरागी भयौ प्रकट श्रीकंता !!
ब्रह्मांड निकाया निर्मित माया रोम रोम प्रति बेद कहै
मम उर सो बासी यह उपहासी सुनत धीर मति थिर न रहै !!
उपजा जब ग्याना प्रभु मुसुकाना चरित बहुत बिधि कीन्ह चहै
कहि कथा सुहाई मातु बुझाई जेहि प्रकार सुत प्रेम लहै !!
माता पुनि बोली सो मति डोली तजहु तात यह रूपा
कीजे सिसुलीला अति प्रियसीला यह सुख परम अनूपा !!
सुनि बचन सुजाना रोदन ठाना होइ बालक सुरभूपा
यह चरित जे गावहि हरिपद पावहि ते न परहिं भवकूपा !!